प्रश्न - पुर्तगालियों ने विजयनगर में अपने व्यापारिक और सामरिक केन्द्र स्थापित करने के प्रयास क्यों किए ?
उत्तर -
- 1498 में पुर्तगाली जो उपमहाद्वीप के पश्चिमी तट पर आए इन्होंने यहां व्यापारिक और सामरिक केंद्र स्थापित करने का प्रयास इसलिए किया क्योंकि इनके पास बेहतर सामरिक तकनीक थी विशेष रूप से बंदूकों के प्रयोग में इन्हें महत्वपूर्ण शक्ति बनकर उभरने में सहायता की यह व्यापार के साथ-साथ यहाँ अपना प्रभाव ज़माना चाहते थे
प्रश्न - मन्दिर के सभागारों का प्रयोग किस प्रकार के कार्यों के लिए किया जाता था?
उत्तर -
- कुछ सभागारों में देवताओं की मूर्तियां रखी जाती थी
- सभागारों में संगीत, नृत्य और नाटक का कार्यक्रम होता था
- सभागारों का प्रयोग देवी देवताओं के विवाह के उत्सव पर आनंद मनाने के लिए किया जाता था
- कुछ मंदिरों में सभागारों का प्रयोग देवी देवताओं को झूला झुलाने के लिए होता था
प्रश्न - कॉलिन मैकेन्जी कौन था तथा उसने इतिहास से सम्बन्धित परम्पराओं और स्थलों का अध्ययन क्यों आरम्भ किया?
उत्तर -
- कॉलिन मैकेंजी एक अभियंता , सर्वेक्षक और मानचित्रकार था उनका जन्म 1754 में हुआ था
- 1815 में उसे भारत का पहला सर्वेयर जनरल बनाया गया
- भारत के अतीत को बेहतर ढंग से समझने और उपनिवेश के प्रशासन को आसान बनाने के लिए
- कॉलिन मैकेन्जी ने इतिहास से संबंधित स्थानीय परंपराओं का संकलन तथा ऐतिहासिक स्थलों का सर्वेक्षण करना आरंभ किया
प्रश्न - विजयनगर साम्राज्य में जल की आपूर्ति किस प्रकार की जाती थी ? इसका विकास सिंचाई उद्देश्यों के लिए किस प्रकार किया गया ?
उत्तर -
- विजयनगर साम्राज्य में जल की आवश्यकता तुंगभद्रा नदी द्वारा बनाए गए प्राकृतिक कुंड से पूरी होती थी
- यहां अन्य जल हौजों का निर्माण भी किया गया था
- कमलपुरम जलाशय का विजयनगर की जल आवश्यकता को पूरा करने में महत्वपूर्ण स्थान था
- हिरिया नहर का उपयोग भी जल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाता था
प्रश्न - कृष्णदेव राय के शासन काल में विजयनगर साम्राज्य के विस्तार और सुदृढ़ीकरण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
- कृष्णदेव राय के शासन शासन काल में विजयनगर साम्राज्य के विस्तार और सुदृढ़ीकरण था
- कृष्णदेव राय के शासन काल में तुंगभद्रा और कृष्णा नदियों के बीच के क्षेत्र हासिल किए गए
- कृष्णदेव राय के शासन काल में उड़ीसा के शासकों का दमन किया गया
- कृष्णदेव राय के शासन काल में बीजापुर के सुल्तान को पराजित किया गया
- कृष्णदेव राय के शासन काल में बेहतरीन मंदिरों का निर्माण हुआ
प्रश्न - विजयनगर शहर तथा साम्राज्य के इतिहास का पुनर्निमाण किस प्रकार हुआ था । स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर -
- विजयनगर साम्राज्य के इतिहास के पुनर्निर्माण में मैकेंजी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है
- मैकेंजी 1800 ई में हम्पी के भग्नावेश को प्रकाश में लेकर आए इन्होंने हम्पी का पहला मानचित्र भी बनाया
- विरुपाक्ष मंदिर तथा पंपादेवी के पुरोहितों की स्मृतियों के आधार पर विजयनगर के इतिहास का पुनर्निमाण किया गया
- छायाचित्रकारों और शोधकर्ताओं ने विजयनगर के इतिहास का पुनर्निमाण किया गया विदेशी यात्रियों के वृतांत का सहारा लिया गया
- स्थानीय साहित्य जो की कन्नड़ , तमिल और संस्कृत में मिला है यह भी विजयनगर शहर तथा साम्राज्य के इतिहास का पुनर्निमाण में सहायक साबित हुआ था
- मंदिर , स्थापत्य कला , किलेबंदी , मूर्ति आदि की सहायता से इतिहास का पुनर्निमाण किया गया है
प्रश्न - हम्पी के भग्नावशेष किस प्रकार और कब प्रकाश में लाए गए, संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
- हंपी के भग्नावशेष 1800 ईसवी में एक अभियंता कॉलिन मैकेंजी द्वारा प्रकाश में लाए गए थे
- मैकेंजी ईस्ट इंडिया कंपनी में कार्यरत थे इन्होंने इस स्थान का पहला सर्वेक्षण मानचित्र तैयार किया
- इनके द्वारा हासिल शुरुआती जानकारियां विरुपाक्ष मंदिर तथा पंपादेवी के पूजास्थल के पुरोहितों की स्मृतियों पर आधारित थी
प्रश्न - विजयनगर की अमरनायक प्रणाली की विशेषताएँ बताइये।
उत्तर -
- अमर नायक प्रणाली विजयनगर साम्राज्य की एक प्रमुख राजनैतिक खोज थी
- ऐसा लगता है कि इस प्रणाली के कई तत्व दिल्ली सल्तनत की इकता प्रणाली से लिए गए थे
- अमर नायक सैनिक कमांडर थे जिन्हें राय द्वारा प्रशासन के लिए कुछ राज्य क्षेत्र दिए जाते थे
- अमर नायक किसानों ,शिल्पकर्मियों तथा व्यापारियों से भू-राजस्व तथा अन्य कर वसूल करते थे
- वे राजस्व का कुछ भाग अपने व्यक्तिगत उपयोग तथा घोड़ों और हाथियों के लिए निर्धारित दल के रखरखाव के लिए अपने पास रख लेते थे
- अमर नायक राजा को वर्ष में एक बार भेंट दिया करते थे और अपनी स्वामी भक्ति प्रकट करते थे
प्रश्न - आपके विचार में महानवमी डिब्बा से संबंद्ध अनुष्ठानों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर -
- महानवमी डिब्बा से संबंधित अनुष्ठानों का बहुत महत्व था
- इस संरचना से जुड़े अनुष्ठान संभवत सितंबर तथा अक्टूबर के शरद मासों में मनाए जाने वाले 10 दिन के हिंदू त्यौहार जिसे दशहरा या नवरात्रि कहा जाता है
- इस अवसर पर विजयनगर के शासक अपने रुतबे ताकत तथा अधिराज्य का प्रदर्शन करते थे
- इस अवसर पर होने वाले धर्म अनुष्ठानों में मूर्ति की पूजा, राज्य के अश्व की पूजा, भैंस तथा अन्य जानवरों की
- बलि दी जाती थी
- नृत्य ,कुश्ती प्रतिस्पर्धा तथा साज लगे घोड़े, हाथियों तथा रथों और सैनिकों की शोभायात्रा निकाली जाती थी
प्रश्न - गोपुरम् की विशेषतायें बताइयें।
उत्तर -
- गोपुरम केंद्रीय देवालयों की मीनारों को बौना प्रतीत कराते थे
- यह लंबी दूरी से ही मंदिर के होने का संकेत देते थे
- दक्षिण भारत में अधिकतर मंदिरों में गोपुरम देखे जाते थे
प्रश्न - विजयनगर प्रशासन में अमरनायक प्रणाली एक प्रमुख राजनीतिक खोज थी । इसका मूल्यांकन कीजिए ।
उत्तर -
- अमर नायक प्रणाली विजयनगर साम्राज्य की एक प्रमुख राजनैतिक खोज थी
- ऐसा लगता है कि इस प्रणाली के कई तत्व दिल्ली सल्तनत की इकता प्रणाली से लिए गए थे
- अमर नायक सैनिक कमांडर थे जिन्हें राय द्वारा प्रशासन के लिए कुछ राज्य क्षेत्र दिए जाते थे
- अमर नायक किसानों ,शिल्पकर्मियों तथा व्यापारियों से भू-राजस्व तथा अन्य कर वसूल करते थे
- वे राजस्व का कुछ भाग अपने व्यक्तिगत उपयोग तथा घोड़ों और हाथियों के लिए निर्धारित दल के रखरखाव के लिए अपने पास रख लेते थे
- यह दल विजयनगर शासकों को एक प्रभावी सैनिक शक्ति प्रदान करने में सहायक होते थे जिनकी मदद से उन्होंने पूरे दक्षिणी प्रायद्वीप को अपने नियंत्रण में किया
- राजस्व का कुछ भाग मंदिरों तथा सिंचाई के साधनों के रखरखाव के लिए खर्च किया जाता था
- अमर नायक राजा को वर्ष में एक बार भेंट दिया करते थे और अपनी स्वामी भक्ति प्रकट करते थे अमर नायक राज के दरबार में उपहारों के साथ खुद उपस्थित हुआ करते थे
- राजा कभी-कभी उन्हें एक से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर उन पर अपना नियंत्रण दर्शाता था
प्रश्न - विजयनगर के महलों, मंदिरों तथा बाजारों का पुन : अंकन किस प्रकार संभव हो सका ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
- मैकेंजी द्वारा किए गए आरंभिक सर्वेक्षणों के बाद यात्रा वृतांत और अभिलेखों से मिली जानकारी को एक साथ जोड़ा गया
- बीसवीं शताब्दी में इस स्थान का संरक्षण भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण तथा कर्नाटक पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग द्वारा किया गया
- 1976 में हम्पी को राष्ट्रीय महत्व के स्थल के रूप में मान्यता मिली
- उसके बाद 1980 के दशक के आरंभ में विविध प्रकार के अभिलेखन प्रयोग से व्यापक तथा ज्ञान सर्वेक्षणों के माध्यम से विजयनगर से मिले भौतिक अवशेषों का सूक्ष्मता से प्रलेखन की एक महत्वपूर्ण परियोजना को शुरू किया गया
- लगभग 20 साल के काल में पूरे विश्व के दर्जनों विद्वानों ने इस जानकारी को इकट्ठा और संरक्षित करने का कार्य किया
मानचित्र निर्माण किया गया
- इसका पहला चरण यह था कि संपूर्ण क्षेत्र को 25 वर्गाकार भागों में बांटा गया और हर वर्ग को वर्णमाला के अक्षर से इंगित किया गया
- फिर इन छोटे वर्गों को दुबारा और भी छोटे वर्गों के समूहों में बांटा गया
- लेकिन इतना काफी नहीं था आगे फिर छोटे वर्गों को और छोटी इकइयो में बांटा गया
- यह गहन सर्वेक्षण बहुत परिश्रम से किए गए थे और इनमें हजारों संरचनाओं के अनुसार छोटे देवस्थल और आवासों से लेकर विशाल मंदिरों तक को पुन : उजागर किया गया इनका प्रलेखन भी किया गया
- इन सब के कारण सड़कों, रास्तों और बाजारों वादी के अवशेषों को पुनः प्राप्त किया जा सका है
प्रश्न - विजयनगर में किलेबन्दी क्षेत्र में कृषि क्षेत्र को क्यों रखा गया था ? इसके क्या फायदे और नुकसान थे ?
उत्तर -
- विजयनगर में किलेबंदी के क्षेत्र में कृषि को भी रखा गया था
- ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि अक्सर मध्यकालीन घेराबंदियों का मुख्य उद्देश्य प्रतिपक्ष को खाद्य सामग्री से वंचित कर समर्पण के लिए मजबूर करना होता था
- यह घेराबंदी कई महीने और कई वर्षों तक चल सकती थी आमतौर पर शासक ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए किलेबंद क्षेत्रों के भीतर ही विशाल अन्नागारों का निर्माण करवाते थे
कृषि क्षेत्र को किलेबंद करने के फायदे -
- इससे अपने अनाज को सुरक्षित रखा जा सकता था
- आक्रमण के समय काफी दिनो के अनाज का भंडारण किया जा सकता था
कृषि क्षेत्र को किलेबंद करने के नुकसान -
- यह प्रक्रिया काफी खर्चीली होती थी
- कृषि क्षेत्र को किलेबंद करने में अधिक समय , धन , श्रम की आवश्यकता होती थी
प्रश्न - दक्कन सल्तनतों और विजयनगर के मध्य संघर्ष के क्या कारण थे ?
उत्तर -
- दक्कन सल्तनतों और विजयनगर के मध्य संघर्ष के कई कारण थे -
- साम्राज्य विस्तार एक मुख्य कारण था इनके बीच संघर्ष का क्योंकि यह अपने साम्राज्य को विस्तार करना एवं मजबूत करना चाहते थे
- दक्कन सल्तनतों और विजयनगर के मध्य अपने सामरिक मुद्दो के कारण विवाद बढ़ जाता था दोनो अपने हथियार और ताकत बढ़ाना चाहते थे
- धार्मिक कारण भी विवाद का मुद्दा था बहमनी ( इस्लामिक शासक ) यह इस्लाम का प्रसार चाहते थे
- दक्कन के शासक विजयनगर को जीतना चाहते थे क्योंकि उनकी विस्तारवाद की नीति और महत्वकांक्षा के कारण यह संघर्ष चलता रहा
- विजयनगर के उपजाऊ क्षेत्र को जीतकर अपने में शामिल करना
- गोलकुंडा को जीतना भी एक संघर्ष का मुद्दा था दक्कन सल्तनत के शासक गोलकुंडा को जीतना चाहते थे
प्रश्न - विजयनगर साम्राज्य के मंदिरों की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करो।
उत्तर -